बिहार डेवलपमेंट अलायंस का गठन, तीसरे मोर्चे के रूप में लड़ेगा बिहार विधानसभा चुनाव
जनहित दल, जनता पार्टी और जेपी सेनानियों का गठबंधन; 55 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान, अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व और विकास आधारित राजनीति का भरोसा बिहार की सियासत में एक...

जनहित दल, जनता पार्टी और जेपी सेनानियों का गठबंधन; 55 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान, अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व और विकास आधारित राजनीति का भरोसा
बिहार की सियासत में एक नया राजनीतिक समीकरण बन गया है। जनहित दल, जे.पी. सेनानी और जनता पार्टी ने मंगलवार को संविधान क्लब, नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में “बिहार डेवलपमेंट अलायंस (BDA)” के गठन की घोषणा की। गठबंधन ने साफ किया कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 55 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा और राज्य की जनता को विकास, पारदर्शिता और जनहित पर आधारित राजनीति का नया विकल्प देगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनहित दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनशुमन जोशी, जनता पार्टी के अध्यक्ष नवनीत चतुर्वेदी, पूर्व सांसद और जे.पी. सेनानी डॉ. सुरज मंडल समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
अनशुमन जोशी ने कहा कि मौजूदा राजनीति में आमजन और अल्पसंख्यकों की आवाज़ को पर्याप्त स्थान नहीं मिलता। इसी वजह से गठबंधन ने एक राष्ट्रीय अल्पसंख्यक समिति बनाई है, ताकि मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य समुदायों को वास्तविक राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल सके।
जनता पार्टी अध्यक्ष नवनीत चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि अब तक धर्मनिरपेक्ष कहलाने वाले दलों ने अल्पसंख्यकों का केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन उन्हें नेतृत्व का मौका नहीं दिया। उन्होंने दावा किया कि बिहार डेवलपमेंट अलायंस मुस्लिम युवाओं सहित सभी अल्पसंख्यकों को राजनीति में सक्रिय भागीदारी का मंच देगा।
जेपी आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ सेनानी और पूर्व सांसद डॉ. सुरज मंडल ने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। उनका कहना था कि जो लोग इस गठबंधन को हल्के में ले रहे हैं, उन्हें आने वाले समय में इसका असर देखने को मिलेगा। मंडल ने कहा कि जैसे झारखंड आंदोलन में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ, वैसे ही अब बिहार में भी परिवर्तन की लहर उठेगी।

इस अवसर पर असगर खान ने कहा, “हमारी लड़ाई ज़िद की नहीं, बल्कि सिद्धांतों की है। जब सिद्धांतों की बात हो, तो टकराव ज़रूरी है और यही सच्ची देशभक्ति है।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गठबंधन नेताओं ने एक प्रतीकात्मक “बदलाव की पोटली” भी प्रदर्शित की। उनका कहना था कि इसमें बिहार के भविष्य की नई राह छुपी है – जिसमें भ्रष्टाचार-मुक्त शासन, अल्पसंख्यकों का सम्मानजनक प्रतिनिधित्व और विकास पर केंद्रित राजनीति का संकल्प है। यही “पोटली” अब घर-घर जाकर जनता को जागरूक करेगी और चुनावी प्रचार का मुख्य आधार बनेगी।
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