पत्रकार सुरक्षा के मुद्दे पर गरमाई राजनीति; कांग्रेस 11 सितंबर को करेगी विशाल प्रदर्शन — प्रेस संस्थानों और मानवाधिकार आयोग ने जताई गंभीर चिंता
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार मनोज शर्मा ने दिल्ली में भिंड पत्रकारों के लिए लड़ी लड़ाई; उनके प्रयासों से आंदोलन को मिली गति भोपाल, 18 अगस्त...

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार मनोज शर्मा ने दिल्ली में भिंड पत्रकारों के लिए लड़ी लड़ाई; उनके प्रयासों से आंदोलन को मिली गति
भोपाल, 18 अगस्त 2025
भिंड जिले में पत्रकारों के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट, अवैध हिरासत, धमकाने और प्रताड़ित करने की घटनाओं ने जन-चेतना को भड़काकर रख दिया है। इस तरह की कार्रवाई को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, निष्पक्ष पत्रकारिता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला ही कहा जा सकता है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसे घोर लोकतांत्रिक आपत्ति बताया है और 11 सितंबर को भिंड में एक विशाल प्रदर्शन और सभा आयोजित करने का ऐलान किया है। इस सभाध्यक्षता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी तथा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मुख्य रूप से शामिल होंगे।
इस घटना का सिलसिला इस प्रकार है: पत्रकार शशिकांत गोयल (दैनिक बेजोड़ रत्न) और अमरकांत चौहान (स्वराज एक्सप्रेस, भिंड) ने चंबल नदी में अवैध रेत खनन की रिपोर्टिंग की थी। रिपोर्टिंग से नाराज़ भिंड पुलिस ने उन्हें चेतावनी देने के बाद यह बतौर सबक सुधारने की कोशिश की। जब उन्होंने इन रिपोर्टों को जारी रखने से साफ इनकार कर दिया, तो पुलिस ने उन्हें और लगभग डज़न से अधिक पत्रकारों को एसपी कार्यालय में बुलाकर कपड़े उतरवा कर शारीरिक हमला किया।
पुलिस ने पत्रकारों से जबरदस्ती एक वीडियो बयान भी करवाया जिसमें कहा गया कि “सभी मामले सुलझ गए हैं”—और बाद में उसे उन पत्रकारों की विश्वसनीयता को धूमिल करने के लिए व्हाट्सऐप पर वायरल किया गया।
इस पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और मानव अधिकार आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है ताकि न्याय सुनिश्चित हो।

वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वयं संज्ञान (suo motu cognizance) लिया और 2 सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह ने कहा:
“भिंड पुलिस की यह गुंडागर्दी केवल पत्रकारों के लिए नहीं, पूरे जिले के नागरिकों के लिए भय का संकेत है। अब तक किसी दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई—इसके लिए उन्हें संरक्षण मिलता रहा। इसलिए हमने 11 सितंबर को विशाल प्रदर्शन का निर्णय लिया है।”
वरिष्ठ पत्रकार व प्रेस क्लब सदस्य मनोज शर्मा ने इस मामले पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा:
“पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। आजकल सच्चाई बताने वालों की सुरक्षा नहीं रही तो लोकतंत्र की नींव हिल जाएगी। दोषियों पर तुरंत कार्रवाई जरूरी है।”
इस आंदोलन में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, वरिष्ठ नेता विवेक तनखा सहित कई कद्दावर नेता शामिल होंगे, जिससे यह जन जागृति और लोकतांत्रिक प्रतिक्रिया का प्रतीक बनेगा।
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