कोरोना की चौथी लहर की आशंका: नया वैरिएंट बना चिंता का कारण, वैक्सीन का असर कम, 28 दिन तक रह सकता है असर

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में फिलहाल कोरोना के 1348 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 6 मौतें अकेले महाराष्ट्र में हुई हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इन मामलों में वृद्धि का कारण कोरोना का नया वैरिएंट है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति गंभीर नहीं है और लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
आईआईटी कानपुर के निदेशक की राय
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल के अनुसार, 2022 के बाद देश में कई बार कोरोना के मामलों में तेज़ी देखी गई है, जिसका कारण हमेशा कोई नया वैरिएंट रहा है। हालांकि, इन वैरिएंट्स ने अब तक कोई गंभीर संकट नहीं पैदा किया। प्रो. अग्रवाल का कहना है, “मेरा मानना है कि इस बार भी स्थिति नियंत्रण में रहेगी और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।”
बीएचयू प्रोफेसर का अनुमान: 21 से 28 दिन तक रह सकती है लहर
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के जेनेटिक्स विभाग के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे का कहना है कि यदि कोरोना की चौथी लहर आती है, तो इसका प्रभाव 21 से 28 दिनों तक सीमित रह सकता है। उन्होंने बताया कि यह लहर दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी, लेकिन लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लहर छोटी जरूर होगी, लेकिन लापरवाही नहीं की जा सकती।
नए वैरिएंट पर वैक्सीन का असर सीमित
प्रो. चौबे ने यह चेतावनी भी दी कि भले ही लोग पहले से वैक्सीनेटेड हों, लेकिन उन्हें अब भी सावधानी बरतने की जरूरत है। उनके अनुसार, “मौजूदा वैक्सीन नए वैरिएंट को संक्रमण फैलाने से पूरी तरह रोक नहीं पा रही है, लेकिन इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मदद जरूर मिलती है।” यानी वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है।
सावधानी ही बचाव का सबसे अच्छा तरीका
विशेषज्ञों का मानना है कि मास्क का इस्तेमाल, भीड़ से दूरी बनाए रखना, और हाथों की स्वच्छता जैसे सामान्य उपाय अभी भी अत्यंत आवश्यक हैं। बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
सरकार भी सतर्क, लोगों से अपील
सरकार की ओर से भी कोरोना की स्थिति पर नज़र रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क जरूर रहें। महामारी की संभावित वापसी को देखते हुए सामूहिक जागरूकता और जिम्मेदार व्यवहार को ही सुरक्षा का सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है।
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