ऑपरेशन सिंदूर लीक मामला: आरोपियों के नाम और उनकी भूमिकाएँ

सरकारी जांच में शामिल 13 लोगों पर आरोप है कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी गोपनीय जानकारियाँ पाकिस्तान भेजने या सहायता करने का काम किया।
- ज्योति मल्होत्रा – हिसार (हरियाणा) की यूट्यूबर
- देविंदर सिंह – कैथल (हरियाणा) से गिरफ्तार
- शहजाद – मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) से धराया गया
- अरमान – नूंह (हरियाणा) निवासी
- नोमान इलाही – कैराना (यूपी) मूल, पानीपत (हरियाणा) में पकड़ाया
- राकिब – बठिंडा (पंजाब) से आरोपित
- पलक शेर मसीह – अमृतसर (पंजाब) की गिरफ्तार
- सूरज मसीह – अमृतसर से ही एक और नामचीन आरोपी
- हरकीरत सिंह – कुरुक्षेत्र (हरियाणा) का गुरुद्वारा कर्मी
- प्रियंका सेनापति – पुरी (ओडिशा) की यूट्यूबर
- गजाला – पंजाब की निवासी, पहली गिरफ़्तारी
- यासीन मोहम्मद – पंजाब का ही एक अन्य आरोपी
- मोहम्मद तारीफ – नूंह (हरियाणा) में पकड़ा गया
पाकिस्तानी कनेक्शन: विदेश में तैनात सूत्र
कुछ आरोपियों का संबंध सीधे पाकिस्तान स्थित खुफिया तंत्र से माना जा रहा है:
- दानिश – पहले दिल्ली में पाक उच्चायोग में कार्यरत, 13 मई को तस्करी के आरोप में देश निकाला गया
- अली अहवान – दानिश का परिचित, जस जानकारी अनुसार ज्योति को पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों से मिलवाया
- शाकिर – पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) का हिस्सा
- राणा शहबाज – पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क से जुड़ा संदिग्ध
आरोपियों की संभावित भूमिकाएँ
ज्योति मल्होत्रा
– पाक समर्थक वीडियो ब्लॉगिंग कर चुकी हैं।
– दो बार पाकिस्तान गईं, वहां दानिश से मिलीं।
– नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज के साथ फोटो सार्वजनिक हुईं।
– चीन दौरे के भी दावे हैं।
प्रियंका सेनापति
– ज्योति मल्होत्रा से संपर्क की वजह से तलाशी व पूछताछ का सामना कर रही हैं।
मोहम्मद तारीफ
– नूंह में एक झोलाछाप डॉक्टर, आरोप है कि इन्होंने वायुसेना क्षेत्र की लोकेशन पाकिस्तानी एजेंटों को दी।
नोमान इलाही
– पानीपत में गिरफ़्तार, आठवीं पास होने के बावजूद सोशल मीडिया विशेषज्ञ।
– कथित तौर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सेना से जुड़ी गोपनीय सूचनाएँ भेजने का टास्क मिला था।
देविंदर सिंह
– कैथल निवासी, पाकिस्तानी महिला के लिए देशद्रोह के आरोप।
– सेना की संवेदनशील जानकारियाँ पाकिस्तान भेजने का शक।
हरकीरत सिंह
– हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कर्मचारी।
– कथित रूप से पाकिस्तान जाने वाले जत्थे के वीजा सुविधाएँ उपलब्ध कराता था।
अरमान (नूंह)
– आरोप है कि इन्होंने भारत में रहकर पाक उच्चायोग को सैन्य एवं खुफिया जानकारियाँ मुहैया कराईं।
शहजाद (मुरादाबाद)
– कथित ISI के संरक्षण में, स्लीपर सेल को आर्थिक मदद और सीमा तस्करी का जुर्म।
राकिब (बठिंडा)
– बठिंडा छावनी में सैन्य जासूसी के आरोप; पकड़े जाने के समय हरिद्वार का निवास स्थान बताया गया।
गजाला व यासीन मोहम्मद
– ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली गिरफ़्तियों में शामिल; जासूसी के आरोप।
पलक व सूरज मसीह (अमृतसर ग्रामीण)
– दोनों पर ISI से संबंध के आरोप हैं; पंजाब पुलिस ने समान समय पर दम तोड़ा।
ऑपरेशन सिंदूर मामले में केंद्रीय एजेंसियाँ आरोपियों के पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क से संबंधों की गहन पड़ताल कर रही हैं। आगे की जांच में इनके लिंक और संचार के तार उजागर होने की उम्मीद है।
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