पाहलगाम आतंकी हमले में शहीद नेवी अधिकारी की पत्नी का संदेश: “नफ़रत नहीं, देश को चाहिए शांति और एकता”

हिमांशी नरवाल ने मुसलमानों और कश्मीरियों के खिलाफ भड़कावे से बचने की अपील की, कहा- इंसाफ ज़रूरी है लेकिन नफ़रत नहीं
पाहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए भयावह आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल ने अपने गहरे व्यक्तिगत दुख के बीच देश से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने आग्रह किया कि इस हमले को लेकर मुसलमानों या कश्मीरियों के खिलाफ नफ़रत न फैलाई जाए।
हरियाणा के करनाल में पति के पूरे सैन्य सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार के दौरान मीडिया से बात करते हुए हिमांशी ने कहा,
“हम नहीं चाहते कि कोई मुसलमानों या कश्मीरियों के खिलाफ जाए। हमें सिर्फ़ शांति चाहिए। हां, इंसाफ ज़रूरी है, लेकिन नफ़रत नहीं।”
हिमांशी और विनय ने 16 अप्रैल को शादी की थी और वे अपने हनीमून पर पहलगाम गए थे। 22 अप्रैल को जब दोनों बैसारन घाटी में कुछ खा रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया। गोलीबारी में विनय मौके पर ही शहीद हो गए।
इस हमले में कुल 26 लोगों की जान गई, जिनमें कई पर्यटक थे। यह हमला धर्म के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया, जिसकी देश और विदेश में व्यापक निंदा हुई है। हालांकि इस घटना के बाद देश के कई हिस्सों में मुस्लिम और कश्मीरी समुदायों के खिलाफ गुस्से की घटनाएं भी सामने आई हैं।
हिमांशी के इस शांतिपूर्ण और एकजुटता वाले संदेश की कई लोगों ने सराहना की है। पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल एल. रामदास की पत्नी ललिता रामदास ने एक खुले पत्र में हिमांशी की तारीफ करते हुए लिखा,
“आप एक सच्ची फौजी पत्नी हैं — सेवा, संविधान और हमारे धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध।”
देश जब मासूम जिंदगियों की इस दर्दनाक क्षति का शोक मना रहा है, हिमांशी का यह संदेश इस कठिन समय में देश को शांति, एकता और सहिष्णुता के रास्ते पर बने रहने की प्रेरणा देता है।
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