प्रधानमंत्री मोदी ने किया केरल में विश्व स्तरीय विजिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन

भारत की समुद्री ताकत को मिलेगा नया आयाम, वैश्विक व्यापार में बढ़ेगी हिस्सेदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केरल के तटीय क्षेत्र में विकसित विजिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया। यह भारत की समुद्री अवसंरचना को मजबूती देने वाला एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। अदाणी पोर्ट्स एंड एसईज़ेड लिमिटेड द्वारा विकसित यह गहरे पानी वाला ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है, जो भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम बनाएगा।
स्ट्रैटेजिक लोकेशन और अत्याधुनिक सुविधाएं
तिरुवनंतपुरम के पास स्थित यह बंदरगाह 24 मीटर की प्राकृतिक गहराई वाला है, जिससे दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज़ भी यहां रुक सकेंगे। यह पूर्व-पश्चिम समुद्री मार्ग से मात्र 10 नॉटिकल मील की दूरी पर है, जो इसे एक प्रमुख वैश्विक समुद्री केंद्र बनने के लिए आदर्श बनाता है। यहां 800 मीटर लंबा कंटेनर बर्थ और आधुनिक कार्गो लोडिंग-अनलोडिंग उपकरण लगाए गए हैं।

आर्थिक प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
विजिंजम बंदरगाह के शुरू होने से भारत की समुद्री व्यापारिक क्षमता में भारी वृद्धि होगी और देश को पड़ोसी देशों के ट्रांसशिपमेंट हब पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यह बंदरगाह भविष्य में भारत की लगभग 75% कंटेनर ट्रांसशिपमेंट ज़रूरतों को पूरा करने की क्षमता रखता है। इससे क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और आर्थिक गतिविधियों में भी तेज़ी आएगी।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी का आदर्श मॉडल
यह परियोजना केंद्र सरकार, केरल सरकार और निजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अदाणी पोर्ट्स के बीच एक सफल सार्वजनिक-निजी भागीदारी का उदाहरण है। इस मॉडल के तहत आवश्यक संसाधन, विशेषज्ञता और तकनीकी क्षमता का समन्वय कर इस विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को साकार किया गया।

भारत के समुद्री भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण पड़ाव
विजिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह न केवल भारत के समुद्री ढांचे को सशक्त बनाएगा, बल्कि देश के आर्थिक विकास और वैश्विक व्यापारिक नेटवर्क में भी अहम योगदान देगा। यह बंदरगाह भारत को एक उभरती हुई समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा।
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