भारत ने पाकिस्तान से बढ़ते संकट के बीच भविष्य के आतंकवादी हमलों को मान्यता दी ‘युद्ध कृत्य’ के रूप में

जम्मू-कश्मीर में हत्याकांड के बाद दोनों देशों ने अमेरिकी मध्यस्थता में संघर्षविराम स्वीकार किया, फिर भी तनाव बरकरार
भारत ने स्पष्ट किया है कि अगर आगे कोई भी आतंकवादी हमला होगा, तो उसे सीधे युद्ध का कृत्य मानकर जवाबी सैन्य कार्रवाई की जाएगी। यह तेवर पिछले दो दशकों में भारत–पाकिस्तान के बीच सबसे तीव्र द्विपक्षीय संघर्ष के बीच आया है।
आतंकी हमले का प्रतिशोध:
हाल ही में भारतीय नियंत्रण वाले कश्मीर में हुए आतंकवादियों के हमले में 26 नागरिकों की मृत्यु हुई। भारतीय सरकार ने इस वारदात का दोष पाकिस्तानी मूल के उग्रवादियों पर मढ़ा और तुरंत ही सीमा पार दर्जनों हवाई एवं तोपों से प्रत्याशित हमले शुरू कर दिए।
पाकिस्तान की ‘ऑपरेशन ब्यूनियन मरसूस’:
इसके जवाब में पाकिस्तान ने “ऑपरेशन ब्यूनियन मरसूस” की घोषणा करते हुए भारत के सैन्य शिविरों व चौकियों को निशाना बनाया। दोनों तरफ से ड्रोन और अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों का प्रयोग हुआ, जिससे सैकड़ों की संख्या में सैनिक व नागरिक हताहत हुए तथा बुनियादी ढांचे को भी भारी क्षति पहुंची।
अंतर्राष्ट्रीय दबाव और संघर्षविराम:
बढ़ते रक्तपात के बीच अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, चीन और जी–7 समूह ने तुरन्त संयम बरतने का आह्वान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के संयोजन में दोनों पड़ोसी देशों ने संघर्षविराम पर सहमति जताई, लेकिन दोनो ओर से ‘परस्पर संयम’ की शर्त पर ही एहतियाती कदम उठाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।
आगे का परिदृश्य:
वर्तमान संघर्षविराम के बावजूद सीमा पर तनाव गहरा बना हुआ है। वैश्विक समुदाय इस मामले पर कड़ी निगरानी रखे हुए है, क्योंकि किसी भी फिर से भड़के संघर्ष से क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
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