गुरुद्वारा बना जीवन रक्षक केंद्र: CPR प्रशिक्षण से 40 से अधिक परिवारों को मिला नया जीवन कौशल

गुरुद्वारा बना जीवन रक्षक केंद्र: CPR प्रशिक्षण से 40 से अधिक परिवारों को मिला नया जीवन कौशल

‘सबका डॉक्टर फाउंडेशन’ और ‘गुरु नानक सत्संग दरबार ट्रस्ट’ के संयुक्त प्रयास से CPR कार्यशाला का आयोजन, आम नागरिकों को बनाया गया संभावित जीवनरक्षक

दिल्ली के लाजपत नगर स्थित गुरु नानक सत्संग दरबार साहिब परिसर में आज एक अनोखा और जनकल्याणकारी आयोजन देखने को मिला, जहां पूजा स्थल जीवन रक्षा का केंद्र बन गया। ‘सबका डॉक्टर फाउंडेशन’ और ‘गुरु नानक सत्संग दरबार ट्रस्ट’ के संयुक्त तत्वावधान में कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) पर एक व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें क्षेत्र के 40 से अधिक परिवारों ने भाग लिया।

सुबह 9:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक चली इस कार्यशाला में पुरुषों, महिलाओं और युवाओं ने CPR तकनीक को न सिर्फ सीखा, बल्कि उसे वास्तविक परिदृश्यों में लागू करने का भी अभ्यास किया। AHA प्रमाणित प्रशिक्षकों ने सजीव सिमुलेशन के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को हृदयाघात की स्थिति में समय पर की जाने वाली CPR विधियों का विस्तार से प्रशिक्षण दिया।

हृदयाघात के दौरान समय पर CPR सबसे बड़ा अंतर बन सकता है
‘सबका डॉक्टर फाउंडेशन’ के वरिष्ठ सदस्य डॉ. हरमीत सिंह ने बताया, “हृदयाघात के पहले 4 से 7 मिनट जीवन और मृत्यु के बीच का समय होते हैं। अगर आम नागरिक इस दौरान CPR दे सकें, तो मरीज के बचने की संभावना तीन गुना तक बढ़ जाती है।” उन्होंने इसे मूक दर्शकों को सक्रिय जीवनरक्षक में बदलने की दिशा में बड़ा कदम बताया।

गुरुद्वारा सिर्फ पूजा स्थल नहीं, सेवा और सीखने का स्थान भी
कार्यक्रम के दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री चरणजीत सिंह ने कहा, “गुरुद्वारा केवल इबादत का स्थल नहीं, बल्कि यह शिक्षा, उपचार और सेवा का केंद्र भी है। हम भविष्य में भी इस प्रकार के जनहितकारी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि किसी का जीवन बचाना सबसे बड़ी मानव सेवा है।”

सामुदायिक सहभागिता से बनें ‘पहले उत्तरदाता’
इस अवसर पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजू गुप्ता ने CPR प्रशिक्षण को केवल चिकित्सकीय नहीं बल्कि समाज सेवा की दृष्टि से भी अत्यंत आवश्यक बताया। वहीं, लाजपत नगर-III RWA के अध्यक्ष श्री एस.बी. सिंह ने ट्रस्ट और फाउंडेशन को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति को CPR सीखनी चाहिए ताकि आपात स्थिति में वह दूसरों की जान बचा सके।

प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया रही उत्साहवर्धक
कार्यशाला में भाग लेने वाले गुरमोहित सिंह ने कहा, “यह प्रशिक्षण बेहद उपयोगी और आंखें खोलने वाला अनुभव रहा। अब महसूस होता है कि हम भी जीवन रक्षक बन सकते हैं। मैं सभी युवाओं से आग्रह करता हूं कि CPR अवश्य सीखें।”

यह आयोजन सिर्फ एक दिन की पहल नहीं, बल्कि संगत को सशक्त बनाने के उस व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य समाज के हर वर्ग को आपात स्थितियों में सक्रिय भूमिका निभाने योग्य बनाना है। CPR जैसी जीवन रक्षक तकनीक का प्रसार मानवीय सेवा की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

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