कैशलेस इलाज की व्यवस्था लागू, 1.5 लाख तक का निशुल्क उपचार, हर नागरिक और विदेशी को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को तुरंत और निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराने के लिए नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना को ‘सड़क दुर्घटना पीड़ितों का कैशलेस उपचार योजना, 2025’ नाम दिया गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसे अधिसूचित कर दिया है। यह योजना हादसों के बाद की स्थिति को बेहतर बनाने और पीड़ितों को समय पर उपचार दिलाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
किसी भी अस्पताल में मिलेगा 1.5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज
इस योजना के तहत, भारत का कोई भी नागरिक या विदेशी यदि सड़क दुर्घटना में घायल होता है, तो उसे देश के किसी भी पंजीकृत अस्पताल में 1.5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा हादसे की तारीख से सात दिन तक मान्य रहेगी। योजना का उद्देश्य है कि पीड़ितों को पैसे या कागजी कार्यवाही के झंझट में फंसने के बिना तत्काल उपचार मिल सके।
सभी तरह की सड़क दुर्घटनाएं कवर होंगी
यह योजना न सिर्फ मोटर वाहन दुर्घटनाओं को, बल्कि सड़क पर हुई किसी भी तरह की दुर्घटना को कवर करेगी। इसके तहत पूरे देश में सरकारी और निजी अस्पतालों का एक नेटवर्क बनाया जा रहा है जो इस योजना के अंतर्गत इलाज प्रदान करेंगे। इन अस्पतालों को विशेष रूप से इस योजना के लिए पंजीकृत किया जाएगा और उनका खर्च सरकार उठाएगी।
इलाज की प्रक्रिया होगी आसान और पारदर्शी
सरकार ने इलाज की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और तकनीक आधारित बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। इसके लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी एक ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर शुरू करेगी, जहां से पीड़ित या उनके परिजन जरूरी जानकारी ले सकेंगे। साथ ही, पुलिस और इमरजेंसी सेवाओं को भी इस योजना में समन्वय के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि दुर्घटना के तुरंत बाद पीड़ितों को उपचार मिल सके।
‘गोल्डन आवर’ में इलाज से बढ़ेगी जान बचने की संभावना
मंत्रालय का कहना है कि भारत में हर साल लाखों सड़क हादसे होते हैं और समय पर इलाज न मिलने से कई जानें चली जाती हैं। इस योजना का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि दुर्घटना के बाद पहले एक घंटे (गोल्डन आवर) में ही पीड़ित को बेहतर इलाज मिल जाए। इसी दौरान उपचार शुरू हो जाने से मरीज की जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
सामाजिक सुरक्षा की ओर बड़ा कदम
यह योजना गरीब, ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवच का काम करेगी। इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी, जिससे पीड़ित परिवारों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। यह लाभ हर व्यक्ति को मिलेगा, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, क्षेत्र या आर्थिक पृष्ठभूमि से आता हो।
आगे और होंगे सुधार, तकनीक व जागरूकता बढ़ेगी
सरकार ने संकेत दिया है कि इस योजना को भविष्य में और बेहतर बनाया जाएगा। इसके लिए अस्पतालों का नेटवर्क बढ़ाया जाएगा, डिजिटल टूल्स का उपयोग बढ़ेगा और लोगों को इस योजना के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि यह योजना 2025 की शुरुआत से ही पूरे देश में पूरी तरह लागू हो जाए ताकि किसी भी सड़क हादसे के शिकार को समय पर और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके।
ये भी पढ़ें :- 7 मई को देशभर में हाई अलर्ट, गृह मंत्रालय की समीक्षा बैठक में सुरक्षा रणनीति तैयार

