राजस्थान उत्सव-2025 दिल्ली में संपन्न: महिला शिल्पकारों ने 50 लाख की बिक्री दर्ज की

नई दिल्ली, 3 अप्रैल 2025 –
नौ दिवसीय राजस्थान उत्सव-2025 का भव्य समापन आज बीकानेर हाउस, नई दिल्ली में हुआ। यह महोत्सव न केवल राजस्थानी कला, हस्तशिल्प और संस्कृति की जीवंत विरासत को प्रदर्शित करने का एक प्रमुख मंच बना, बल्कि इसने महिला शिल्पकारों को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) द्वारा आयोजित इस महोत्सव में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिला शिल्पकारों ने भाग लिया और अपने उत्कृष्ट उत्पादों की बिक्री कर ₹50 लाख से अधिक का राजस्व अर्जित किया।
महिला हस्तशिल्प उत्पादों ने बटोरी सुर्खियाँ
लगभग 60 स्टॉलों पर सजीव राजस्थानी हस्तशिल्प प्रदर्शित किए गए, जिनमें पारंपरिक वस्त्र, आभूषण, जैविक उत्पाद, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी पर नक्काशी, और पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन शामिल थे। आगंतुकों को इन उत्पादों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने के लिए लाइव डेमोंस्ट्रेशन का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया।
इस महोत्सव के दौरान कई विदेशी पर्यटकों और व्यापारियों ने भी भाग लिया, जो राजस्थान के हस्तशिल्प की गुणवत्ता और सुंदरता से बेहद प्रभावित हुए। कई उद्यमियों ने इन महिला शिल्पकारों के उत्पादों को अपने व्यवसाय से जोड़ने की रुचि दिखाई, जिससे इनके उत्पादों को एक व्यापक बाजार मिलने की संभावना बढ़ी।
हस्तशिल्प के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण
राजीविका की ओर से कार्यक्रम की देखरेख कर रहे श्री रमेश कुमार ने कहा, “यह उत्सव महिला शिल्पकारों की आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बड़ी संख्या में हुई बिक्री यह दर्शाती है कि हस्तनिर्मित उत्पादों की मांग निरंतर बढ़ रही है, और इससे हमारे महिला कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिली है।” उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों को और बड़े स्तर पर आयोजित करने की योजना है, ताकि महिला शिल्पकारों को अधिक अवसर मिल सकें।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और रोचक गतिविधियाँ
राजस्थान उत्सव-2025 का उद्घाटन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा किया गया। इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पारंपरिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें चित्रकला प्रतियोगिता, मेहंदी प्रतियोगिता, लोकनृत्य प्रदर्शन, कठपुतली शो और गोलगप्पा खाने की चुनौती जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं।
इसके अलावा, महोत्सव में राजस्थान के प्रसिद्ध लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। कालबेलिया नृत्य, घूमर और चकरी नृत्य की शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही, लोकगीत गायक मंगणियार और लंगा समुदाय के कलाकारों ने अपनी मधुर धुनों से वातावरण को संगीतमय बना दिया।
राजस्थान की कलात्मक विरासत का संरक्षण
राजस्थान उत्सव-2025 ने न केवल शिल्पकारों के लिए आर्थिक अवसर सृजित किए, बल्कि यह राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक और कलात्मक परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने का भी एक प्रभावी माध्यम बना। इस महोत्सव ने यह संदेश दिया कि पारंपरिक हस्तशिल्प उद्योग को प्रोत्साहित कर ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
इस शानदार सफलता के साथ, राजस्थान उत्सव आने वाले वर्षों में और अधिक व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक शिल्पकारों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने का अवसर मिल सके।
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