इंदिरा आईवीएफ ने भिवंडी में खोला 12वां सेंटर

निःसंतानता से जूझ रहे दंपतियों को अब बड़े शहरों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। देश में फर्टिलिटी उपचार के क्षेत्र की अग्रणी संस्था, इंदिरा आईवीएफ, ने भिवंडी में अपने अत्याधुनिक सेंटर का शुभारंभ किया है। यह सेंटर फर्स्ट फ्लोर, सूर्या एक्सीलेंसी, मौजे नारपोली, जीपी पारसिक बैंक के ऊपर स्थित है।
इसका उद्घाटन इंदिरा आईवीएफ भांडुप के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. रिनॉय श्रीधरन और भिवंडी सेंटर की हेड डॉ. सोनम मनोज तुरकर ने फीता काटकर किया। यह महाराष्ट्र में इंदिरा आईवीएफ का 28वां और देशभर में 160वां हॉस्पिटल है।
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इंदिरा आईवीएफ अपनी उच्च सफलता दर, मरीज-केंद्रित उपचार और आधुनिकतम तकनीकों के लिए प्रसिद्ध है। अब तक, इस ग्रुप ने 1,60,000 से अधिक दंपतियों को सफल आईवीएफ प्रक्रियाओं के जरिए माता-पिता बनने का सपना साकार किया है।
इंदिरा आईवीएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर और सह-संस्थापक डॉ. नितिज मुरदिया ने कहा, “भिवंडी में हमारा नवीनतम हॉस्पिटल शुरू करके हमें खुशी हो रही है। यह उन दंपतियों के लिए अत्याधुनिक समाधान लाएगा, जो परिवार पूरा करने की इच्छा रखते हैं। भारत में करीब 10-15% दंपती निःसंतानता की समस्या से जूझते हैं। हमारा उद्देश्य इस समस्या से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करना और सही जानकारी फैलाना है। हम एक ही छत के नीचे समस्त निःसंतानता उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इंदिरा आईवीएफ भांडुप के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. रिनॉय श्रीधरन ने बताया कि भारत में फर्टिलिटी उपचार के प्रति जागरूकता अब भी सीमित है। हर छह में से एक दंपती को संतान प्राप्ति में कठिनाई होती है। “यह जरूरी है कि लोग समझें कि निःसंतानता के लिए महिला या पुरुष, दोनों में से कोई भी जिम्मेदार हो सकते हैं। असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) पुरुष और महिला दोनों को माता-पिता बनने की यात्रा में मदद करती है,” उन्होंने कहा।
इंदिरा आईवीएफ का यह नया सेंटर उन दंपतियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा जो संतान प्राप्ति की कोशिश में हैं। उन्नत तकनीकों और विशेषज्ञ टीम की मदद से यह सेंटर निःसंतानता से जुड़ी समस्याओं का प्रभावी समाधान प्रदान करेगा।
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