Noida Scam, नोएडा में एक बड़े बिल्डर घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें वर्ल्ड ट्रेड टावर सेंटर (WTC) पर भारतीय और एनआरआई निवेशकों से 5000 करोड़ रुपये ठगने का आरोप लगा है। यह सिर्फ एक धोखाधड़ी का मामला नहीं, बल्कि हजारों लोगों की जीवनभर की बचत पर एक बड़ा हमला है।
15 साल बाद भी नहीं मिला पजेशन, 20,000 निवेशक फंस
WTC ने 2010 में नोएडा के सेक्टर-132 सहित कई इलाकों में 12 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने का ऐलान किया था। इन योजनाओं में दुबई, यूके, कनाडा, अफ्रीका, सिंगापुर, ओमान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के एनआरआई निवेशकों को भी जोड़ा गया।
निवेशकों को ऑफिस और दुकानें देने का वादा किया गया, लेकिन 15 साल बीतने के बाद भी प्रोजेक्ट अधूरे हैं।
180 फर्जी कंपनियों के जरिए हुआ घोटाला
निवेशकों का आरोप है कि WTC ने 180 फर्जी कंपनियां बनाकर विदेशों में अपने काउंटर खोले और वहां भारतीय निवेशकों को ठग लिया।
- फ्रेंचाइजी मॉडल के तहत निवेशकों से करोड़ों रुपये लिए गए।
- पजेशन की मांग करने पर पहले कोविड-19 का बहाना बनाया गया।
- फिर रेरा (RERA) में गलत जानकारी देकर 6 महीने में पजेशन देने का झूठा वादा किया गया।
भूटानी ग्रुप में शिफ्ट करने का झांसा
जब निवेशकों ने WTC के ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई, तो डायरेक्टर आशीष भल्ला ने कहा कि अब भूटानी ग्रुप के साथ समझौता हो चुका है और निवेशकों को वहीं यूनिट मिलेगी।
लेकिन जब निवेशकों ने भूटानी ग्रुप से संपर्क किया तो उन्हें नई शर्तें बताई गईं—
- पहले कुल रकम का 50% और जमा करना होगा।
- पहले से बुक की गई यूनिट का केवल आधा हिस्सा मिलेगा।
- पजेशन की कोई गारंटी नहीं दी गई।
न्याय की मांग, सरकार से जांच की अपील
इस घोटाले में करीब 20,000 निवेशक फंसे हुए हैं, जिन्होंने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।
- यूपी और केंद्र सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग।
- रेरा (RERA) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया।
भूटानी ग्रुप ने दी सफाई
भूटानी ग्रुप ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि वे WTC के प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कुछ लोगों की दुर्भावनापूर्ण मंशा के कारण उन्होंने WTC से सभी संबंध समाप्त कर दिए।
भूटानी ग्रुप का बयान:
- WTC से कोई भूमि, ट्रांसफर या धनराशि नहीं ली गई।
- WTC और भूटानी ग्रुप के बीच कोई आधिकारिक समझौता नहीं हुआ।
अब क्या करेगी सरकार?
इस घोटाले ने रियल एस्टेट सेक्टर में निवेशकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- क्या यूपी और केंद्र सरकार इस मामले की जांच शुरू करेगी?
- क्या रेरा (RERA) निवेशकों को उनका हक दिलाएगा?
- क्या WTC के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी?
अब निवेशक सरकार से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
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