ADKMAKERS PRIVATE LIMITED ने उत्तराखंड के ग्रामीण उद्यमों को दी नई उड़ान, 500 से अधिक परिवार बने आत्मनिर्भर

ADKMAKERS PRIVATE LIMITED ने उत्तराखंड के ग्रामीण उद्यमों को दी नई उड़ान, 500 से अधिक परिवार बने आत्मनिर्भर

रूरल एंटरप्राइज एक्सेलेरेशन प्रोजेक्ट (REAP) के तहत ADKMAKERS ने ग्रामीण महिलाओं और उत्पादकों को दी नई पहचान, स्थानीय उत्पादों को मिला राष्ट्रीय बाज़ार से सीधा जुड़ाव।

देहरादून, 8 नवंबर 2025

हरियाणा स्थित सामाजिक उद्यम ADKMAKERS PRIVATE LIMITED, जो अपने विज़न “आधुनिक, समृद्ध और कुशल भारत” के लिए जानी जाती है, ने उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की है। कंपनी ने राज्य के कई ज़िलों में 500 से अधिक परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हुए स्थानीय उद्यमिता को नई दिशा दी है।

रूरल एंटरप्राइज एक्सेलेरेशन प्रोजेक्ट (REAP) के अंतर्गत काम करते हुए, ADKMAKERS ने क्लस्टर लेवल फेडरेशन्स (CLFs), सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHGs) और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशनों (FPOs) के साथ साझेदारी कर स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग और ब्रांडिंग में सुधार किया है। इसके साथ ही, ग्रामीण उत्पादकों को प्रत्यक्ष बाज़ार संपर्क (Market Linkage) उपलब्ध कराया गया, जिससे उन्हें अपनी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।

इस पहल से विशेष रूप से महिला स्व-सहायता समूहों (SHGs) को बड़ा लाभ मिला है। इन समूहों ने न केवल अपने उत्पादों को नए बाज़ारों तक पहुँचाया है, बल्कि अपने परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया है।

ADKMAKERS को इस मिशन में IRMA ISEED Foundation (इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आनंद) – जिसे अब त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है – का सहयोग प्राप्त है। यह संस्थान सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत है और ग्रामीण उद्यमिता को मज़बूत करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

कंपनी के सीईओ श्री राहुल ढिंगरा ने कहा,

“हमारा उद्देश्य है कि छोटे उत्पादकों, महिला समूहों और ग्रामीण उद्यमियों को कौशल, प्रशिक्षण और बाज़ार तक पहुँच प्रदान की जाए। उत्तराखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अपार संभावनाएं हैं — हम पारंपरिक उत्पादों को आधुनिक बाज़ार की मांग से जोड़कर टिकाऊ विकास का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।”

ADKMAKERS के प्रयासों से अब तक 500 से अधिक ग्रामीण परिवारों को सीधा लाभ मिला है। कंपनी द्वारा दिए गए प्रशिक्षण, उत्पाद विकास और ब्रांड पहचान ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भरा है।

यह पहल न केवल उत्तराखंड के ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को भी साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

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