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GeM पोर्टल एक सप्ताह के लिए बंद, ₹7,000 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की आशंका

GeM पोर्टल एक सप्ताह के लिए बंद, ₹7,000 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की आशंका

नई दिल्ली, 26 नवंबर 2024:


सरकारी खरीद को आसान और पारदर्शी बनाने वाले GeM पोर्टल (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) को 7 दिनों के लिए बंद किया जा रहा है। यह पोर्टल 26-27 नवंबर की मध्य रात्रि से 5 दिसंबर तक तकनीकी कारणों से अनुपलब्ध रहेगा। इस दौरान लगभग ₹7,000 करोड़ का कारोबार बाधित होने की संभावना है, जिससे सरकारी विभाग और व्यापारिक समुदाय में चिंता की लहर है।

बंद का कारण और निर्देश

GeM पोर्टल को इस अवधि में तकनीकी सुधार और अपग्रेड के लिए बंद किया जा रहा है। पोर्टल पर प्रकाशित सूचना के अनुसार:
“यह पोर्टल 27 नवंबर से 5 दिसंबर 2024 तक उपयोगकर्ता लेनदेन के लिए अनुपलब्ध रहेगा। खरीदार और विक्रेता अपनी गतिविधियों जैसे खरीद, भुगतान, चालान और डिलीवरी की योजना पहले से बना लें।”

GeM की सफलता और महत्व

सितंबर 2017 में लॉन्च किया गया यह पोर्टल, केंद्रीय और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और मंत्रालयों के लिए एक प्रमुख ऑनलाइन खरीद मंच बन चुका है।

  • वित्त वर्ष 2023-24 में GeM के माध्यम से ₹4 लाख करोड़ से अधिक की खरीद हुई।
  • अक्टूबर 2024 में ही पोर्टल पर ₹30,264 करोड़ की खरीद दर्ज की गई।
  • अब तक 9.7 लाख से अधिक MSMEs इस पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं, जिन्हें ₹4.19 लाख करोड़ के ऑर्डर मिले हैं, जो कुल खरीद का 40% है।

GeM की तुलना में, वैश्विक स्तर पर दक्षिण कोरिया का KONEPS शीर्ष स्थान पर है, जबकि GeM दूसरे स्थान पर है। इसके बाद सिंगापुर का GeBIZ आता है।

TCS का योगदान और अपग्रेड की दिशा

2023 में, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को GeM को एक अत्याधुनिक सार्वजनिक खरीद मंच में बदलने के लिए रणनीतिक साझेदार के रूप में चुना गया। यह अपग्रेड सरकारी खरीद को और अधिक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और कुशल बनाएगा।

बंद का असर और व्यापारियों के लिए सलाह

GeM के बंद होने से व्यापारिक गतिविधियां और सरकारी खरीदारी प्रभावित हो सकती हैं। व्यापारियों को सलाह दी गई है कि वे अपने डिलीवरी, भुगतान, और अन्य प्रक्रियाओं की पूर्व योजना बनाएं।

एक अस्थायी रुकावट, लेकिन दीर्घकालिक सुधार का वादा

हालांकि यह शटडाउन अल्पकालिक असुविधा पैदा करेगा, लेकिन इससे GeM का प्रदर्शन और क्षमता भविष्य में और मजबूत होगी। सरकारी खरीद प्रक्रियाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने वाले इस मंच का विकास भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था में वैश्विक नेता बनने की दिशा में ले जाएगा।

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