दिल्ली की इंडस्ट्रीज ने फ्रीहोल्ड नीति की मांग की, 2025 तक भारत की $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को बढ़ावा देने का प्रयास

दिल्ली की इंडस्ट्रीज ने फ्रीहोल्ड नीति की मांग की, 2025 तक भारत की $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को बढ़ावा देने का प्रयास

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर 2024 — भारत की 2025 तक $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, दिल्ली के उद्योग जगत ने औद्योगिक संपत्तियों के लिए लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड स्वामित्व में बदलाव की मांग की है। यह महत्वपूर्ण मांग 30 सितंबर को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) के दिल्ली चैप्टर की कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान उठाई गई, जो झंडेवालान मुख्यालय में आयोजित हुई थी।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए, IIA दिल्ली चैप्टर की चेयरपर्सन डॉ. ममता ने बताया कि दिल्ली में कुल 29 अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्र हैं। हालांकि 2005 में लीजहोल्ड औद्योगिक संपत्तियों को फ्रीहोल्ड में बदलने के लिए एक योजना शुरू की गई थी, लेकिन अब तक बहुत कम औद्योगिक इकाइयां इससे लाभान्वित हो पाई हैं। डीडीए, डीएसआईआईडीसी और उद्योग विभाग जैसे सरकारी निकायों ने इस नीति को सीमित रूप से लागू किया है, जिससे अधिकांश इकाइयां अभी भी फ्रीहोल्ड स्थिति से वंचित हैं।

फ्रीहोल्ड में बदलाव क्यों जरूरी?

डॉ. ममता ने कहा कि लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में बदलाव इन औद्योगिक क्षेत्रों की आर्थिक क्षमता को पूरी तरह से उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “फ्रीहोल्ड स्वामित्व से औद्योगिक इकाइयां बिना लीज की बाधाओं के अपनी गतिविधियों को बढ़ा सकेंगी, जिससे निवेश बढ़ेगा और भारत 2025 तक $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा।”

उन्होंने यह भी बताया कि फ्रीहोल्ड संपत्तियां बैंकों के लिए अधिक मूल्यवान मानी जाती हैं, जिससे औद्योगिक इकाइयों के लिए निवेशकों को आकर्षित करना और ऋण प्राप्त करना आसान हो जाएगा। इससे प्रतिस्पर्धात्मकता में भी सुधार होगा, जिससे दिल्ली की इकाइयां अन्य राज्यों के साथ बेहतर मुकाबला कर सकेंगी जहां पहले से ही फ्रीहोल्ड नीति लागू है।

रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि का असर

फ्रीहोल्ड नीति लागू होने से न केवल औद्योगिक इकाइयों का विस्तार होगा, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। दिल्ली का औद्योगिक क्षेत्र पहले से ही राज्य के $130 बिलियन के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में महत्वपूर्ण योगदान देता है। फ्रीहोल्ड में बदलाव से न केवल स्थानीय बल्कि विदेशी निवेश को भी आकर्षित किया जा सकेगा, जो भारत की आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक है।

डॉ. ममता ने सरकार से अपील की कि यह नीति दिल्ली की सभी औद्योगिक इकाइयों पर लागू होनी चाहिए, ताकि वे अपने व्यापार का प्रभावी ढंग से विस्तार कर सकें और भारत की अर्थव्यवस्था को अगले स्तर पर ले जाने में योगदान दे सकें।

सरकार की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पहल को समर्थन

दिल्ली की इंडस्ट्रीज का मानना है कि फ्रीहोल्ड नीति न केवल उद्योगों के विकास में सहायक होगी, बल्कि सरकार की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पहल को भी मजबूत करेगी, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी।

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