राजस्थान के नारायण लाल शर्मा बने उत्कृष्ट वेद विद्यार्थी, योगी आदित्यनाथ ने किया सम्मानित

राजस्थान के नारायण लाल शर्मा बने उत्कृष्ट वेद विद्यार्थी, योगी आदित्यनाथ ने किया सम्मानित

06 सितम्बर 2024 , अयोध्या

अयोध्या में सिंघल फाउंडेशन (उदयपुर) के बैनर तले आयोजित भारतात्मा अशोक सिंघल “वेद पुरस्कार”-2024 के कार्यक्रम में राजस्थान के नारायण लाल शर्मा को उत्कृष्ट वेद विद्यार्थी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें तीन लाख रुपये की पुरस्कार राशि, मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किया। भारद्वाज गोत्रोत्पन्न नारायण लाल शर्मा के पिता श्री लादूलाल शर्मा एवं माता श्रीमती विमला देवी मूल रूप से राजस्थान के भीलवाड़ा जनपद के सालरा गाँव के निवासी हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन ही दुनिया का एकमात्र धर्म है। सनातन धर्म सुरक्षित एवं समृद्धि के पथ पर अग्रसर रहेगा तो विश्व मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। अगर सनातन धर्म खतरे में पड़ेगा तो विश्व मानवता का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने कहा ‘‘श्रद्धेय अशोक सिंघल जी ने काशी हिंदू विश्विद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी, लेकिन उनका जीवन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक प्रचारक के रुप में सनातन धर्म के लिए समर्पित था। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन और अशोक सिंघल एक-दूसरे के पूरक थे।”

नारायण लाल शर्मा सामवेद की राणायणी शाखा के समर्पित विद्यार्थी हैं। उनका प्रारंभिक वेदाध्ययन श्री मुनिकुल ब्रह्मचर्याश्रम वेद संस्थान, बरून्दनी, राजस्थान में वेदमूर्ति श्री ईश्वरलाल शर्मा के मार्गदर्शन में हुआ। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित सामवेद गुरुकुल में वेदमूर्ति श्री तुकाराम दत्तात्रेय मुळे गुरुजी के सान्निध्य में सामवेद के विभिन्न गहन विद्याओं जैसे संहिता, प्रकृतिगान, आरण्यकगान, पदपाठ और रहस्यगान का अध्ययन किया।

नारायण लाल शर्मा ने कहा, “वेदों में ऋषियों का तप और ज्ञान संचित है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता रहा है। वेद हमें आध्यात्मिक जीवन जीने और समाज के कल्याण के लिए प्रेरित करते हैं। मेरा सौभाग्य है कि मैं वेदाध्यायी हूं और जीवनभर वेदों की सेवा और प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित रहूंगा।” उन्होंने आगे कहा कि “भारतात्मा पुरस्कार” से मिली धनराशि का उपयोग वे वैदिक धर्म के प्रचार में करेंगे।

इस वर्ष भारतात्मा अशोक सिंघल वेद पुरस्कार चार श्रेणियों में दिया गया। वयोवृद्ध ब्रह्मर्षि विष्णु पटल सुब्रमण्यम को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, काशी के आचार्य गोपाल चंद्र मिश्र को उत्तम वेद विद्यालय के लिए सात लाख का पुरस्कार, और आदर्श वेदाध्यापक कुलपति आर. चंद्रमौलि श्रौती को पांच लाख का पुरस्कार दिया गया।

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