प्रमाणिकता खतरे में: असली आदिवासी हेयर ऑयल को पहचानने और धोखाधड़ी वाले विकल्पों से बचने के उपाय
सच्ची कहानियां, सच्चा प्रभाव: ग्राहकों ने साझा किए असली आदिवासी हेयर ऑयल के साथ अपने अनुभव
नई दिल्ली, 23rd August, 2024 :
प्रसिद्ध आदिवासी हेयर ऑयल, जिसे हक्की पिक्की समुदाय द्वारा 108 औषधीय जड़ी-बूटियों से सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है, नकली उत्पादों की एक लहर का सामना कर रहा है। 62 वर्षों की समृद्ध परंपरा के साथ, हक्की पिक्की समुदाय के तेल को इसकी बेजोड़ गुणवत्ता और प्रामाणिकता के लिए विश्व स्तर पर सराहा गया है। हालांकि अब कुछ धोखेबाज विक्रेता इस प्रतिष्ठित उत्पाद के नकली उत्पाद बेचकर समुदाय की प्रतिष्ठा का दुरुपयोग कर रहे हैं। कर्नाटक के हक्की पिक्की समुदाय के साथ-साथ अन्य स्थानीय समुदायों में अपने उत्पादों का नामकरण पारंपरिक रूप से अपने देवी-देवताओं के नाम पर किया जाता है। ऐसा ही एक उद्यम ‘यल्लवा हर्बल प्रोडक्ट्स’, जिसे ‘चिन्नू पी.’ द्वारा संचालित किया जाता है, ने उनके असली आदिवासी हेयर ऑयल को लक्षित करने वाली नकली प्रथाओं के बढ़ते मुद्दे के बारे में चिंता जताई है, जिससे इसकी विश्वसनीयता कम हो रही है। इसके अलावा बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इन नकली उत्पादों के लिए स्थान प्रदान कर रहे हैं, जिससे असली ‘यल्लवा हर्बल प्रोडक्ट्स’ की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा को और नुकसान पहुंच रहा है।
आदिवासी हेयर ऑयल, जो पूर्वजों की विधियों से बनाया गया है और जिनके पास एक वैध जीएसटी नंबर और एमएसएमई प्रमाणपत्र है, केवल मैसूर में हक्की पिक्की समुदाय से जुड़े सत्यापित विक्रेताओं के माध्यम से ही उपलब्ध है। अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद को प्रदान करने के प्रति समुदाय की प्रतिबद्धता ने व्यापक प्रशंसा अर्जित की है।
पटना की 41 वर्षीय ग्राहक पूनम कुमारी कहती हैं, “मैं वर्षों से आदिवासी हेयर ऑयल का उपयोग कर रही हूं और इसकी प्रभावशीलता अद्वितीय है। इसकी गुणवत्ता हर बूंद में स्पष्ट है। नकली उत्पादों को इसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करते हुए देखना दुखद है।”
दिल्ली की 45 वर्षीय निवासी रंजिता सिन्हा कहती हैं, “मैंने व्यक्तिगत रूप से मैसूर में हक्की पिक्की विक्रेताओं से मिलने के बाद, मैं उनके तेल की प्रामाणिकता और उत्कृष्टता की पुष्टि कर सकती हूं। नकली उत्पादों को उनके कठिन परिश्रम को कम करते हुए देखना निराशाजनक है।”
गुरुग्राम के 28 वर्षीय रंजीत ढींगरा ने जोर देते हुए कहा, “आदिवासी हेयर ऑयल मेरे दैनिक जीवन का हिस्सा है। असली उत्पाद अद्वितीय है और तेल की विरासत को बनाए रखने के लिए असली विक्रेताओं का समर्थन करना आवश्यक है।”
ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचने के लिए अविश्वसनीय स्रोतों से खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती है। हमेशा विक्रेता की प्रमाणिकता की पुष्टि करें और हक्की पिक्की समुदाय से जुड़ाव का प्रमाण मांगे।
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