“महाराष्ट्र में जीका वायरस, केरल में निपाह वायरस और गुजरात में चांदीपुरा वायरस के प्रकोप को देखते हुए केंद्रीय स्वास्य्य मंत्रालय ने राज्यों की मदद के लिए एक बहु-सदस्यीय प्रतिक्रिया टीम तैनात करने का निर्णय लिया है “
22 जुलाई , 2024
केरल में निपाह, गुजरात में चांदीपुरा और महाराष्ट्र में जीका वायरस का असर बढ़ता जा रहा है। गुजरात में चांदीपुरा वायरस से 27 लोगों की मौत हो गई है, जबकि केरल में निपाह वायरस से एक 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई है और महाराष्ट्र में जीका वायरस के 28 मामले सामने आए हैं।
रविवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में बताया है कि केरल में एक 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई है। उसे तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम था और उसे पहले पेरिंथलमन्ना में एक अस्पताल में भर्ती किया गया था, बाद में उसे कोझिकोड के एक अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया था। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे गए सैंपल में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य को सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को तुरंत लागू करने की सलाह दी है।
मृतक के संपर्क में आए लोगों की पहचान और पड़ोस में रहने वाले लोगों की टेस्टिंग के भी निर्देश दिए गए हैं। इन सभी लोगों का पता लगाने के बाद उन्हें 12 दिन क्वारंटाइन में रखने का भी आदेश दिया गया है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय के वन हेल्थ मिशन के तहत बहु-सदस्यीय प्रतिक्रिया टीम को मामले की जांच करने और महामारी विज्ञान संबंधी जानकारी प्राप्त करने और तकनीकी सहायता प्रदान करने में राज्य का समर्थन किया जाएगा।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया है कि मृतक लड़के के छह दोस्तों और एक 68 वर्षीय व्यक्ति के नेगेटिव रिजल्ट आए हैं। मंत्री ने बताया है कि छह दोस्त लड़के के संपर्क में थे, लेकिन 68 वर्षीय व्यक्ति से सीधे संपर्क में नहीं थे। उनका ब्लड सैंपल इसलिए लिया गया था क्योंकि उन्हें बुखार था। फिलहाल, 14 वर्षीय लड़के के संपर्क में आए 330 लोग शामिल हैं, जिनमें से 68 स्वास्थ्य कर्मी हैं। साथ ही, हाई-रिस्क कैटेगरी में 101 लोग शामिल हैं, जिनमें से सात को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। मृतक लड़के के परिवार के सदस्यों में से किसी के शरीर में वायरस के लक्षण नहीं मिले हैं।
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गुजरात में चांदीपुरा वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने कुल 17248 घरों में 121826 व्यक्तियों की जांच की है।
चांदीपुरा वायरस होने से रोगी को बुखार की शिकायत होती है। इसमें फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं और तेज एन्सेफेलाइटिस भी हो सकती है। एन्सेफेलाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिससे दिमाग में सूजन की समस्या हो जाती है।
महाराष्ट्र में अब तक जीका के 34 मामले सामने आए हैं, जिनमें पुणे जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 19 जुलाई तक 28 मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वायरस से प्रभावित जिलों में हर 3 से 5 किलोमीटर पर केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जो क्षेत्रों में सर्वे करेंगे और बुखार के मामले सामने आने पर तुरंत पहचान के लिए ब्लड सैंपल लेंगे। गर्भवती महिलाओं और माताओं के भी जीका वायरस के लिए टेस्ट किया जा रहा है।
जीका वायरस के लक्षण बहुत ही आम होते हैं। इनमें शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना, बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिर में दर्द शामिल हैं। जीका वायरस से संक्रमित अधिकांश लोगों में ये लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
चमगादड़ों को निपाह वायरस के प्रसार का मुख्य कारक माना जाता है, जो दूषित फलों या अन्य भोजन के माध्यम से इंसानों में फैल सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि फलों-सब्जियों को खाने से पहले इन्हें अच्छी तरह से साफ करें और पक्षियों द्वारा कटा हुआ फल न खाएं।
चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है, जो सबसे अधिक मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है। इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज़ जिम्मेदार होते हैं।
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