ऐ वतन मेरे वतन समीक्षा: चुनावी माहौल में कांग्रेस रेडियो की प्रेरणादायक कहानी, हर युवा को ‘ देखनी ‘ चाहिए फिल्म

ऐ वतन मेरे वतन समीक्षा: चुनावी माहौल में कांग्रेस रेडियो की प्रेरणादायक कहानी, हर युवा को ‘ देखनी ‘ चाहिए फिल्म

विदेशी ओटीटी प्राइम वीडियो पर प्रसारित होने वाली एक कहानी: देश की आजादी में अज्ञात नायकों की महत्वपूर्ण भूमिका

21 मार्च 2024

फिल्म “ऐ वतन मेरे वतन” की कहानी के रूप में प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के दिनों का उल्लेख किया गया है, जब देश के लोग रात गुणगान करते थे। इस कहानी में जज की बेटी, उषा मेहता, देशभक्ति और स्वतंत्रता के प्रति अपनी समर्पणशीलता के जरिए अच्छी तरह से प्रतिष्ठित हैं। उषा की बचपन की यादें उनकी दृढ़ संघर्ष और आत्मबल को प्रकट करती हैं। उसके विद्यालय में महात्मा गांधी के अद्भुत उदाहरणों के बारे में सिखाया जाता है, जो उसे राष्ट्रीय आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं। उषा के बड़े होते ही उसका संघर्ष और संघर्षशीलता में और बढ़ जाता है। वह कांग्रेस की बैठकों में भाग लेती है और अपने देशभक्त और सामाजिक धारावाहिकता के लिए उत्साहित करती है। उसका साथी युवा समूह उसे रेडियो के माध्यम से आम जनता के साथ संवाद करने के लिए प्रेरित करता है।

फिल्म के संवाद और किरदारों की परिस्थितियों में युवाओं के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, इसके निर्माता करण जैसे प्रमुख फिल्मकारों ने धारावाहिक फिल्मों की नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय विषयों पर फिल्म बनाने का समर्थन किया है। उनकी दिग्गज नायकता और जोशीला अभिनय दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

फिल्म का कुछ अंश संवाद और किरदारों के माध्यम से सोसाइटी के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करते हैं, जिससे दर्शकों को उसके साथ जोड़ा जा सकता है। इस तरह की फिल्में हमें आत्मनिर्भर और नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका की महत्वाकांक्षा को समझाती हैं। फिल्म में विशेष ध्यान दिया जाता है कि युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक किया जाए और उन्हें सकारात्मक और उत्साहित किया जाए।

इस फिल्म के माध्यम से दर्शकों को राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया है

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