चुनाव आयोग के ईवीएम पर आरोपों को खारिज कर सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी समर्थन
15 मार्च 2024, नई दिल्ली
चुनाव आयोग को आज सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक महत्वपूर्ण राहत मिली है। इस राहत की बात ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के संबंध में चल रही एक याचिका को खारिज कर देने के साथ जुड़ी है। यह याचिका ईवीएम के कामकाज में अनियमितता का आरोप लगाती थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता, और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह उपस्थित थे, जो इस मामले की सुनवाई कर रही थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, यह बेंच ने व्यक्तिगत स्तर पर और ईवीएम के संबंध में याचिकाओं की संख्या को लेकर महत्वपूर्ण बात की। इसमें उन्होंने कहा कि हर एक पद्धति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं, और कोर्ट को इसे धारणाओं के आधार पर नहीं चलना चाहिए। उन्होंने भी बताया कि अदालत ने पहले ही कई याचिकाओं का विचार किया है, और ईवीएम के संबंध में कई मुद्दों पर विचार किया है।
इस फैसले के साथ, याचिका कर्ता नंदिनी शर्मा को यहां तक कहा गया कि कोर्ट कितनी याचिकाओं पर विचार करेगी? इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अनुच्छेद 32 के तहत इस मामले पर विचार नहीं कर सकती।
इसमें न केवल सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके साथ ही यह भी दिखाता है कि चुनावी प्रक्रिया और इसमें उपयोग किए जाने वाले तकनीकी साधनों को लेकर किए जाने गए आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट का ध्यान है। यह फैसला चुनाव आयोग की निष्कर्षता और तकनीकी संवाद को स्पष्ट करता है।
इसी साल की शुरुआत में, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी चुनावी प्रक्रिया को लेकर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को मतगणना से कुछ दिन पहले पूरी जानकारी थी। इसके बावजूद, उन्होंने इस पोस्ट को बाद में हटा दिया था। यह सामने आए आरोप चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम से जुड़ी विवादित मुद्दों को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।
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