दिल्ली और दिल्ली एनसीआर में स्मॉग से सांसें फूल रहीं, प्रदूषण से जूझते हुए एक सप्ताह से
13 नवंबर 2023 गुरुग्राम
राजधानी दिल्ली और दिल्ली एनसीआर में स्मॉग से लोगों की सांसें फूल रही हैं। लगभग एक सप्ताह से यहां प्रदूषण से जूझा जा रहा है। दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के माध्यम से नेशनल कैपिटल ट्रैफ़िक प्रदूषण नियंत्रण (एनजीटी) ने दिवाली के मौके पर 2 घंटे तक इको-फ्रेंडली पटाखों की मुक्ति दी है। साथ ही, साइबर सिटी, गुरुग्राम के सिल्वर ऑक्स सोसाइटी ने भी एक ऐसा निर्णय लिया है, जहां वे दिवाली के उत्सव को मनाएंगे, लेकिन किसी भी प्रकार के पटाखों का उपयोग नहीं करेंगे। इस समूह के 750 परिवारों ने बढ़ते प्रदूषण के कारण इस निर्णय का समर्थन किया है।
हरियाणा की साइबर सिटी के सिल्वर ऑक्स सोसाइटी के निवासियों ने इस उदार निर्णय की सराहना की है। हालांकि, इस निर्णय को लेने में सोसाइटी को लगभग 10 साल लगे हैं। इस सोसाइटी की निवासिनी सोना चटर्जी ने 10 साल पहले पटाखा-मुक्त दिवाली मनाने की अपील की थी, जिसमें 5 साल पहले उन्हें सफलता मिली। उनके प्रेरणास्रोत के रूप में पूरी सोसाइटी ने एक साथ मिलकर पटाखा-मुक्त दिवाली मनाने का निर्णय लिया है। सोना ने बताया कि जब उन्होंने इस पहल को शुरू किया था, तो लोगों ने उनका विरोध किया था, और उन्हें बिना पटाखों की दिवाली की स्वीकृति नहीं दी गई थी।
सोसाइटी के उपाध्यक्ष पंकज ने बताया कि यह त्योहार रोशनी का है और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सोसाइटी के सभी लोगों ने पटाखा-मुक्त दिवाली का समर्थन किया है। इसके लिए उन्होंने वोटिंग करवाई, जिसमें 95% वोट पटाखा-मुक्त दिवाली के पक्ष में मिले। सोसाइटी के सदस्यों का कहना है कि दिल्ली एनसीआर में सर्दी के मौसम के साथ ही पूरी तरह से प्रदूषण बढ़ जाता है, जिससे कई लोग बीमार हो जाते हैं, विशेषकर जिन्हें पहले से ही सांस लेने में दिक्कत है।
इस बार, इस सोसाइटी में पॉल्यूशन-मुक्त उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रदूषण को शून्य किया जाएगा। सोना चटर्जी के अनुसार, वह पिछले दस सालों से लोगों से पटाखा-मुक्त दीपावली की अपील कर रही है, और हर फ्लैट में पटाखा-मुक्त दिवाली के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। आज उनका सपना सच हो गया है।
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