Health Tips: ध्यान भटकने और एकाग्रता में दिक्कत? हो सकता है ये ‘Popcorn Syndrome’, जानिए क्या है वजह और इससे बचने के आसान उपाय

Health Tips: ध्यान भटकने और एकाग्रता में दिक्कत? हो सकता है ये ‘Popcorn Syndrome’, जानिए क्या है वजह और इससे बचने के आसान उपाय

स्क्रीन टाइम बढ़ने से बढ़ रहा है ‘Popcorn Syndrome’ का खतरा — दिमाग की एकाग्रता घटती है, नींद प्रभावित होती है और प्रोडक्टिविटी में आती है गिरावट।

12 नवंबर 2025, नई दिल्ली

आज की डिजिटल लाइफस्टाइल ने इंसान की दिनचर्या ही नहीं, उसके सोचने-समझने के तरीके को भी बदल दिया है। अगर आपको अक्सर किसी एक काम पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है, आपका मन बार-बार भटकता है और हर कुछ सेकेंड में फोन या नोटिफिकेशन देखने की इच्छा होती है, तो यह ‘Popcorn Syndrome’ का संकेत हो सकता है।

‘Popcorn Syndrome’ कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक मानसिक और व्यवहारगत स्थिति है, जिसमें व्यक्ति का मस्तिष्क अत्यधिक डिजिटल स्टिम्युलस (जैसे सोशल मीडिया, नोटिफिकेशन, वीडियो और चैट) का आदी हो जाता है। इसका नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि जैसे पॉपकॉर्न लगातार उछलते रहते हैं, वैसे ही इस स्थिति में दिमाग एक विचार से दूसरे विचार पर छलांग लगाता रहता है।

डिजिटल ओवरलोड बना मुख्य कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, आज का दिमाग लगातार सूचनाओं की बाढ़ में जी रहा है — ईमेल, सोशल मीडिया अपडेट्स और व्हाट्सएप नोटिफिकेशन जैसी चीज़ें हमारे दिमाग को हर वक्त सक्रिय रखती हैं। इस लगातार उत्तेजना से डोपामाइन का स्तर बढ़ता रहता है, जिससे दिमाग को शांति और स्थिरता पसंद नहीं रहती। यही कारण है कि गहरी एकाग्रता और लंबे समय तक फोकस करना मुश्किल हो जाता है।

प्रोडक्टिविटी और नींद पर पड़ता असर

‘Popcorn Syndrome’ का सबसे बड़ा असर काम की गुणवत्ता पर पड़ता है। ऐसे लोग कई काम एक साथ शुरू तो करते हैं, पर किसी को भी पूरा नहीं कर पाते। इससे कार्यक्षमता घटती है और तनाव बढ़ता है।
इसके अलावा, रात में फोन या स्क्रीन देखने की आदत नींद की गुणवत्ता को भी बिगाड़ देती है। नींद की कमी से अगला दिन सुस्ती और चिड़चिड़ेपन में गुजरता है, जिससे फोकस की समस्या और गहरी हो जाती है।

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माइंडफुलनेस और डिजिटल डिटॉक्स है उपाय

अगर आप भी इस स्थिति से जूझ रहे हैं, तो सबसे पहले अपनी डिजिटल आदतों में बदलाव लाएं।

  • रोज़ाना 10 मिनट ध्यान या गहरी सांसों का अभ्यास करें।
  • काम के समय नोटिफिकेशन बंद रखें।
  • एक घंटे में सिर्फ एक बार फोन देखें।
  • एक समय में केवल एक ही काम करने पर ध्यान दें।

सप्ताह में एक दिन डिजिटल डिटॉक्स करें — यानी मोबाइल, लैपटॉप और टीवी से पूरी तरह दूर रहें। इस दौरान किताबें पढ़ें, पज़ल्स सॉल्व करें या परिवार के साथ समय बिताएं। ये आदतें न सिर्फ मानसिक शांति लौटाती हैं बल्कि आपके फोकस को भी मजबूत बनाती हैं।

‘Popcorn Syndrome’ आधुनिक जीवनशैली का परिणाम है, लेकिन थोड़ी सी सजगता, अनुशासन और माइंडफुलनेस से इससे पूरी तरह बचा जा सकता है। दिमाग को आराम देना और खुद को डिजिटल कंट्रोल में रखना ही बेहतर फोकस और स्वस्थ मानसिकता की पहली सीढ़ी है।

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