सिर्फ 500 रुपये में 5 साल तक आराम! जानें मेंस्ट्रुअल कप के फायदे और इस्तेमाल का सही तरीका
पैड और टैम्पोन की झंझट से मुक्ति—मेंस्ट्रुअल कप दे रहा है लंबी राहत और बेहतर सुरक्षा। जानें इसके फायदे, इस्तेमाल का तरीका और विशेषज्ञों की राय नई दिल्ली, 26 अगस्त...

पैड और टैम्पोन की झंझट से मुक्ति—मेंस्ट्रुअल कप दे रहा है लंबी राहत और बेहतर सुरक्षा। जानें इसके फायदे, इस्तेमाल का तरीका और विशेषज्ञों की राय
नई दिल्ली, 26 अगस्त 2025
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अक्सर पैड और टैम्पोन का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन अब मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) एक नया, सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प बनकर सामने आया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज़ से बेहतर है, बल्कि पर्यावरण और जेब—दोनों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है।
मेंस्ट्रुअल कप क्या है?
भारत सरकार के नेशनल हेल्थ पोर्टल (NHP) के अनुसार, मेंस्ट्रुअल कप एक छोटा, लचीला कप होता है, जो मेडिकल-ग्रेड सिलिकॉन, रबर या TPE (थर्मोप्लास्टिक इलास्टोमर) से बना होता है। इसे योनि में डालकर मासिक धर्म का रक्त इकट्ठा किया जाता है। इसका औसत आकार 45–60 मिमी लंबाई और 38–48 मिमी व्यास का होता है।
इस्तेमाल का सही तरीका
Mayo Clinic और WebMD के अनुसार, मेंस्ट्रुअलकप को इस्तेमाल करने का सही तरीका कुछ इस प्रकार है :

- कप का इस्तेमाल करने से पहले उसे अच्छी तरह से कम से कम 5 मिनट तक उबलते पानी में डालकर सैनिटाइज़ करना बेहद ज़रूरी है।
- कप को हल्का मोड़कर (C-fold या Punch-down fold) योनि में डालें।
- सही तरह से फिट होने पर कप लीकेज नहीं करता।
- इसे 6–12 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
- निकालने के बाद कप को धोकर फिर से इस्तेमाल करें।
- पीरियड खत्म होने पर कप को स्टेरिलाइज करके साफ, सूखी जगह पर रखें।
कितना सुरक्षित है मेंस्ट्रुअल कप?
- अमेरिकी FDA (U.S. Food & Drug Administration) और The Lancet Public Health (2019) में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मेंस्ट्रुअल कप पूरी तरह सुरक्षित हैं और संक्रमण का खतरा बेहद कम है।
- टैम्पोन की तुलना में टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) का रिस्क कप में बहुत कम होता है।
- मेडिकल-ग्रेड सिलिकॉन से बने कप एलर्जी-फ्री होते हैं।
- लगातार 10–12 घंटे तक पहनना सुरक्षित है, जबकि पैड और टैम्पोन को हर 4–6 घंटे में बदलना पड़ता है।
क्यों बेहतर है मेंस्ट्रुअल कप?
- लंबी अवधि तक सुरक्षा: एक बार लगाने पर 10–12 घंटे तक आराम। (स्रोत: Mayo Clinic)
- पर्यावरण के अनुकूल: संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP, 2021) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल दुनिया में करीब 12.3 बिलियन पैड और टैम्पोन का कचरा निकलता है। कप 5–10 साल तक चलता है और कचरे को कम करता है।
- किफायती विकल्प: एक कप की कीमत 500–1000 रुपये है, जो कई साल तक चलता है।
- कम संक्रमण का खतरा: टैम्पोन और पैड की तुलना में संक्रमण का जोखिम कम।
भारत में स्थिति
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5, 2019–21) के मुताबिक, भारत में 15–24 साल की करीब 64% महिलाएं सैनिटरी पैड का उपयोग करती हैं, जबकि कप का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या अब भी बेहद कम है। हालांकि, शहरी युवतियों के बीच जागरूकता लगातार बढ़ रही है।
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विशेषज्ञों की राय
दिल्ली स्थित गायनाकॉलजिस्ट डॉ. रचना सोनी कहती हैं:
“मेंस्ट्रुअल कप महिलाओं को आज़ादी, सुविधा और आत्मविश्वास देता है। यह सुरक्षित, किफायती और पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प है।” (स्रोत: The Indian Express, 2023)
मेंस्ट्रुअल कप न सिर्फ एक सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प है, बल्कि यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महिलाओं के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। सही जानकारी और जागरूकता के साथ आने वाले समय में यह पैड और टैम्पोन का मजबूत विकल्प बन सकता है।
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