दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने किया साहित्यकारों का सम्मान
साहित्य रत्न, विभूषण और भूषण सहित विभिन्न श्रेणियों में साहित्यकारों को मिला सम्मान

साहित्य रत्न, विभूषण और भूषण सहित विभिन्न श्रेणियों में साहित्यकारों को मिला सम्मान
नई दिल्ली: दिल्ली की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था ‘दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ ने इस वर्ष विभिन्न श्रेणियों में 12 साहित्यकारों को सम्मानित किया। सम्मानों में साहित्य श्री, साहित्य भूषण, साहित्य विभूषण और साहित्य रत्न शामिल हैं, जो हिन्दी भाषा, साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान देने वाले रचनाकारों को दिया गया। पिछले कुछ वर्षों में यह सम्मान शृंखला कुछ अपरिहार्य कारणों से बंद रही थी, लेकिन 2024 में इसे पुनः सहभागिता के आधार पर शुरू किया गया।

सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने कहा कि यह सम्मान केवल पुरस्कार नहीं बल्कि रचनाकारों के लिए एक दायित्व है। उन्होंने यह भी कहा कि आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दौर में रचनाधर्मिता पर संकट गहराता जा रहा है, ऐसे में यह सम्मान लेखकों को मौलिक लेखन के लिए प्रेरित करता है।
सम्मेलन के महामंत्री प्रो. हरीश अरोड़ा ने सम्मेलन के इतिहास और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सम्मान योजना पंडित मदन मोहन मालवीय और राजश्री टंडन की संकल्पना को साकार करने की यात्रा है। वरिष्ठ साहित्यकार बाल स्वरूप राही ने कहा कि यह सम्मान रचनाकारों को और बेहतर लिखने की प्रेरणा देता है। वहीं, वरिष्ठ गीतकार इंदिरा मोहन ने इसे रचनात्मकता का उत्सव बताते हुए सम्मानित साहित्यकारों को बधाई दी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सोमदत्त शर्मा ने कहा कि तेजी से बदलते दौर में साहित्यकारों को अपनी पहचान बनाए रखते हुए समाज और राष्ट्र के लिए दिशा निर्देश देना होगा।
इस वर्ष साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं: नरेश शांडिल्य और शकुंतला कालरा। साहित्य विभूषण सम्मान: सुमन बाजपेयी, शशिकांत शर्मा, संजय कुमार स्वामी और ताराचंद नादान। साहित्य भूषण: सदानंद पाण्डेय और राजीव कुमार पाण्डेय। साहित्य श्री: विनोद बब्बर, रेणु अग्रवाल, अंकित शर्मा और अरविंद कुमार सिंह।
सम्मानित साहित्यकारों ने सम्मेलन के प्रति आभार व्यक्त किया। नरेश शांडिल्य ने कहा कि यह सम्मान उनके लिए गर्व का विषय है, जबकि संजय कुमार स्वामी ने सम्मान राशि को सम्मेलन को समर्पित किया। इस अवसर पर डॉ. वीणा गौतम और डॉ. नीलम सिंह ने स्मारिका का संपादन किया।
संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन प्रो. रचना बिमल ने किया और कार्यक्रम के अंत में प्रो. रवि शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सम्मेलन परिवार के सदस्य, साहित्यकार, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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