सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को लखीमपुर-खीरी जाने की इजाजत, जमानत शर्तों में मिली ढील

सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को लखीमपुर-खीरी जाने की इजाजत, जमानत शर्तों में मिली ढील

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत की शर्तों में राहत दी है। अब उन्हें प्रत्येक सप्ताहांत लखीमपुर-खीरी जाने की अनुमति है, बशर्ते वह निर्धारित समय के भीतर लौट आएँ।

यात्रा और वापसी की शर्तें
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आशीष मिश्रा शनिवार की शाम दिल्ली से लखीमपुर-खीरी के लिए प्रस्थान कर सकते हैं, लेकिन रविवार शाम तक उन्हें वहां से वापस आना होगा। इस दौरान निर्धारित समय से अधिक स्थान पर ठहरना निर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा।

राजनीतिक और सार्वजनिक मंच से दूरी
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी रूल किया कि इस दौरान आशीष मिश्रा किसी भी प्रकार की राजनीतिक रैली, सभा या सार्वजनिक बैठक में भाग नहीं लेंगे। अदालत ने इस बात पर बल दिया कि जमानत का लाभ उठाकर किसी तरह की सक्रिय राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

परिवार से मिलने की मानवीय दलील
आशीष मिश्रा की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि आरोपी अपनी माँ और बच्चों से मिलने के लिए दरकिनार रहा है। उन्होंने कहा कि बेटी के इलाज और मातृ स्वास्थ्य के कारण आशीष मिश्रा के लिए परिवार के साथ समय बिताना आवश्यक है।

यूपी सरकार ने गवाहों की संख्या बताई
इस मामले में यूपी सरकार की दलील थी कि कुल 208 गवाहों में से 16 ने अपनी गवाही पहले ही दर्ज करवा दी है। राज्य पक्ष ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि गवाहों की सुनवाई अभी जारी है और जल्द ही अन्य गवाहों को भी बुलाया जाएगा।

मामले का पृष्ठभूमि विवरण
यह मामला अक्टूबर 2021 में लखीमपुर-खीरी में हुई हिंसा का है, जिसमें आठ लोगों की जान गई थी। आरोप है कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा की भूमिका इसमें प्रमुख थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जुलाई में उनकी अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदला था, तभी से दिल्ली में रहने की शर्त में भी ढील दी गई थी।

ये भी पढ़ें :- ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद को दिया शक्तिशाली जवाब, वरिष्ठ पत्रकार राकेश कुमार ने जताया भरोसा

देश