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Bureau | Published: September 22, 2024 22:37 IST, Updated: September 22, 2024 22:37 IST

धोखाधड़ी और जाली दस्तावेजों के मामले में स्वेअर हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर संजीव गौड़ गिरफ्तार

संजीव गौड़ सहित अन्य आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी धारा-419, 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत जारी हुआ था गैर जमानती वारंट प्रयागराज, 22 सितंबर 2024 । धौलपुर में स्थित...

संजीव गौड़ सहित अन्य आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी धारा-419, 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत जारी हुआ था गैर जमानती वारंट

प्रयागराज, 22 सितंबर 2024 ।

धौलपुर में स्थित ग्लव्स फैक्ट्री पर पुलिस ने छापा मारकर स्वेअर हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर संजीव गौड़ को धोखाधड़ी और जाली दस्तावेज जारी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। गौड़ के खिलाफ प्रयागराज की कमर्शियल कोर्ट में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने और न्यायिक प्रक्रिया को गुमराह करने का गंभीर आरोप था, जिसके तहत उनके विरुद्ध धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।

प्रयागराज हाईकोर्ट द्वारा जारी इस वारंट के आधार पर पुलिस ने धौलपुर स्थित स्वेअर हेल्थकेयर की फैक्ट्री में छापेमारी की और गौड़ को हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही इस मामले में संजीव गौड़ के सहयोगियों, जिनमें आशुतोष कुमार तिवारी, रंजीत कुमार यादव, उनकी पत्नी अराधना गौड़, और राजेश कुमार शामिल हैं, के खिलाफ भी गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है। हालाँकि छापे के समय आशुतोष तिवारी और रंजीत यादव मौके से फरार हो गए और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।

मामले की तह में जाने पर यह पता चला कि आरोपियों पर फर्जी हस्ताक्षर और जाली एफिडेविट के माध्यम से कोर्ट में गलत तरीके से याचिका दायर करने का आरोप है। संजीव गौड़ और उनके साथियों ने राजेश कुमार को प्रतिद्वंदी का कर्मचारी बताकर फर्जी साक्ष्य पेश किए, जिससे न्यायालय को गुमराह किया जा सके। यह मामला सीधे तौर पर न्यायिक प्रक्रिया में धोखाधड़ी से संबंधित है, जिसमें आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार किए और कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए।

विवेचक विनय कुमार शुक्ला ने न्यायालय में प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र में यह जानकारी दी कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई बार दबिश दी गई थी, लेकिन वे फरार चल रहे थे। किसी भी आरोपी के पास गिरफ्तारी स्थगन आदेश नहीं था और ना ही उन्होंने आत्मसमर्पण किया था। इसी आधार पर न्यायिक मजिस्ट्रेट नेपाल सिंह द्वारा गैर-जमानती वारंट जारी किया गया।

प्रयागराज पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच तेजी से चल रही है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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